समय भास्कर,फिरोजाबाद। मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में सर्जिकल स्पंज रह जाने के मामले में सीजेएम के आदेश के विरुद्ध चिकित्सक दिव्या ने जिला एवं सत्र न्यायालय में निगरानी दाखिल की। जिस पर सुनवाई के बाद सत्र न्यायाधीश हरवीर सिंह ने सीजेएम के आदेश को सही मानते हुए चिकित्सक दिव्या की तरफ से दाखिल निगरानी निरस्त कर दी है।अंकिता भारद्वाज ने सीजेएम के जहां दायर किए गए परिवाद में कहा था 22 फरवरी 2021 को उसे डिलीवरी के लिए सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। उसका आरोप था ऑपरेशन के लिए चिकित्सक ने उससे रुपए की मांग की।मांग पूरी न होने पर डॉक्टर और अन्य स्टाफ ने जानबूझकर पेट मे स्पंज छोड़कर टांके लगा दिए। उसे परेशानी हुई तो स्पंज को निकालने को डॉक्टरों ने अंकिता का चार बार ऑपरेशन किया। छह माह तक उसके पेट को खुला छोड़ दिया।

उसका कहना था जिससे कई गंभीर बीमारियां पैदा हुई। जिसकी वजह से वह कभी मां नहीं बन पायेगी।उसका आरोप था कि सीएमओ समेत कई उच्चधिकारियों से शिकायत भी की। लेकिन, सीएमओ ने इसे एक मानवीय भूल बताकर कोई कार्रवाई नहीं की।कहीं से कोई राहत न मिलने पर उसने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के यहां केस दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। मजिस्ट्रेट ने इसे गंभीर मामला मानते हुए डॉ.कनुप्रिया शर्मा,डॉ.रोहित बाबू ओझा, डॉ.सरीना,डॉ.नितिन अग्रवाल,डॉ. दिव्या चौधरी,ओटी टेक्नीशियन मानसी, डॉ. प्रेरणा जैन और डॉ.संगीता ने अनेजा को  कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए थे। सीजेएम के आदेश के विरुद्ध चिकित्सक दिव्या ने जिला एवं सत्र न्यायालय में निगरानी दाखिल की थी। सुनवाई के बाद सत्र न्यायाधीश हरवीर सिंह ने सीजेएम के आदेश को सही मानते हुए चिकित्सक दिव्या की तरफ से दाखिल निगरानी निरस्त कर दी है।

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