समय भास्कर मुंबई। भारत में, घरेलू सहायकों (हाउस हेल्प) की भूमिका बस घर के काम-काज में सहायता प्रदान करने भर से कहीं अधिक है और ये लाखों परिवारों के रोज़मर्रा के जीवन का अभिन्न अंग हैं। गोदरेज लॉक्स एंड आर्किटेक्चरल फिटिंग्स एंड सिस्टम्स द्वारा हाल में किए गए अध्ययन से घरेलू सहायकों पर भारतीय परिवारों की गहरी निर्भरता का पता चलता है। इस शोध का शीर्षक था, ‘सुरक्षित रहें, चिंतामुक्त रहें’ (लिव सेफ, लाइव फ्रीली) जिसमें विभिन्न परिवारों और उनके घरेलू सहायकों के बीच गहरा संबंध उजागर होता है और इसमें एक चौंकाने वाला आंकड़ा यह संकेत देता है कि लोग घरेलू सहायकों के लिए समय की पाबंदी से समझौता करने को तैयार होते हैं।
इस सर्वेक्षण में मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु और भोपाल सहित प्रमुख भारतीय शहरों के 2,000 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया। इसमें एक उल्लेखनीय रुझान सामने आया: 49% प्रतिभागियों ने स्वीकार किया कि ज़रूरी काम (अपॉइंटमेंट) होने पर भी, वे आधे घंटे से अधिक समय तक अपने घरेलू सहायक के लिए इंतज़ार करते हैं। इसके अलावा, 15% उत्तरदाताओं ने अपने दैनिक जीवन में घरेलू सहायकों के सर्वाधिक महत्व पर ज़ोर दिया, जिससे एक भावनात्मक संबंध का उजागर होता जो मात्र सहायता लेने-देने से परे है।
गोदरेज लॉक्स एंड आर्किटेक्चरल फिटिंग्स एंड सिस्टम्स के बिजनेस हेड, श्याम मोटवानी ने इन आंकड़ों पर अपनी टिप्पणी में कहा, “हमारे अध्ययन के निष्कर्ष न केवल आंकड़े बता रहे हैं, बल्कि एक बड़े सामाजिक रुझान का संकेत भी दे रहे हैं। हम आधुनिक भारतीय घरों की चुनौतियों को समझते हैं, साथ ही नए दौर की योजनाओं के प्रबंधन में कई तरह की जटिलताएं होती हैं, इसलिए, हमें एक ऐसा समाधान पेश करने पर गर्व है जो गोदरेज लॉक्स के अलग किस्म के डिजिटल लॉक के साथ सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देता है।
चाभी गुम जाने से जुड़ी चिंता को दूर करने और कंट्रोल्ड एक्सेस प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया, डिजिटल लॉक घर की सुरक्षा के संबंध में शानदार समाधान प्रदान करता है।उपयोगकर्ता-अनुकूल ऐप के माध्यम से, घर के मालिक दुनिया भर में कहीं से भी परिवार के सदस्यों और घरेलू सहायक को पहुंच प्रदान कर सकते हैं, जिससे बिना किसी परेशानी के काम-काज सुचारू रूप से चल सकता है। इसके अलावा, यह प्रौद्योगिकी घर के मालिकों को अपने परिसर में प्रवेश की निगरानी करने, सुरक्षा और मन की शांति बढ़ाने में मदद करती है।
‘सुरक्षित रहें, चिंतामुक्त रहें’ (लिव सेफ, लाइव फ्रीली) अध्ययन का उद्देश्य न केवल घरेलू सहायक के संबंध में मानव व्यवहार को समझना है, बल्कि सुरक्षा और सुविधा के लिए स्मार्ट-होम उपकरणों को अपनाने की प्रक्रिया का भी पता लगाना है। अपनी व्यापक पहुंच और व्यावहारिक निष्कर्षों के साथ, यह सर्वेक्षण समकालीन भारतीय समाज में घरेलू प्रबंधन को पुनर्परिभाषित करने के लिए आधारशिला के रूप में सामने आता है।