Cinema 70mm / ActAbhi –
होता कुछ यू है की अगर एक बार आपका जलवा बन गया तो उस जलवे को कायम रखना कठिन होता है। ऐसा ही कुछ हुआ मिर्ज़ापुर 3 के साथ । शो रिलीज़ हो चुका है। जैसा भौकाल पहले और दूसरे सीजन में दर्शकों के बीच मचा था । तीसरा सीजन वैसा भौकाल मचाने में कामयाब नहीं रहा। मुन्ना भैया और कालीन भैया की कमी दर्शकों को खल रही है। और इस बार आपके कालीन भैया की भी हवा निकली हुई है। मिर्ज़ापुर के मेकर्स ने यह सोचा होगा की पिछले दो सीजन की सफलता के दम पर इस बार भी वो वैसा ही भौकाल मचाने में सफल होंगे। वैसा कुछ होता दिखाई नहीं दिया। दर्शक मिर्ज़ापुर के तीसरे सीजन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे। लेकिन उनके हाथ निराशा लगी है।
कहानी – सीजन 3 की शुरुआत में पिछले सीजन के रिकैप के साथ शुरुआत होती है जिसमे जौनपुर का शरद शुक्ला कालीन भैया को बचाकर अपने साथ ले जाता है। मुन्ना की मौत हो जाती है। गुडू इस बार अपने आप को मिर्ज़ापुर की गद्द्दी पर बैठाने के सारे प्रयास करता दिखाई देता है। मिर्ज़ापुर की गद्दी खाली हो चुकी है। गद्दी को हथियाने के लिए सारे बाहुबली अपना दम दिखा रहें है। जौनपुर के शरद शुक्ला और गुड्डू पंडित में मिर्ज़ापुर को हतियाने के लिए खून खराबा होता है। गुड्डू पंडित के पिता ने अपने आप को पुलिस के हवाले कर दिया है। उन्होंने पुलिस को बताया है कि उन्होंने एसएसपी मौर्या की हत्या की है। माधुरी यादव सूबे की मुख्यमंत्री बन चुकी है। माधुरी ने प्रदेश को माफिया से मुक्त कर भय मुक्त प्रदेश बनाने के प्लान पर अमल करना शुरू कर दिया है। इस काम के लिए उसने आईजी को अंडर कवर ऑपरेशन के तहत गुड्डू पंडित को मारने के लिए लगा दिया है। लेकिन पुलिस का यह ऑपरेशन सफल नहीं होता है। और आई जी को छुट्टी पर भेजना पड़ता है।
इस बात से मुख्यमत्री की छवि को धक्का लगता है। इसके बाद शासन अपनी ताकत का उपयोग करते हुए गुड्डू पंडित के पिता को सजा करवाने के लिए जज का ट्रांसफर करा देता है । आईजी से झूठी गवाही दिलवाते है । गुड्डू पंडित कोर्ट में अपने साथियों के साथ कुछ बड़ा करने के इरादे से कोर्ट में पहुंच जाता है। इस बार पुलिस भी सारी तैयारियों के साथ आती है कि अगर गुड्डू पंडित ने उत्पात मचाया तो उसका इनकाउंटर होना पक्का है। पर ऐसा कुछ नहीं होता है। सजा पर फैसला कोर्ट द्वारा टाल दिया जाता है। गुड्डू अफीम का काम फिर से शुरू करना चाहता है। लाला जेल के अंदर है। इसकी बीच शरद शुक्ला लाला से वादा करता है कि वो उसकी बेल करवा देगा तो लाला उसके साथ अफीम का धंधा करेगा। सीवान में वहां के बाहुबली त्यागी को गोलू की बजह से बहुत बड़ा घाव लगा है। गोलू को लेकर भारत त्यागी और शत्रुघ्न त्यागी के बीच गोली बारी हो जाती है। भारत त्यागी की मौत हो जाती है लेकिन शत्रुघ्न भरत त्यागी बनकर रहता है। लेकिन गोलू को भूल नहीं पता है।
शरद शुक्ला गोलू तक यह खबर पहुँचता है कि कालीन भैया सीवान में छुपे हुए है। इस बात पर भरोसा करके वो सीवान पहुंच जाती है। वहां पर गोलू को भरत कैद कर लेता है। गोलू के मरने की खबर मिर्ज़ापुर भिजवा देता है। गुड्डू गोलू की मौत के कारण जौनपुर पर हमला कर देता है। लेकिन उसको वापस आना पड़ता है । गुड्डू अपने जीजा को मार देता है । उसके बाद गुड्डू पुलिस में सरेंडर कर देता है। इस बात का फायदा शरद शुक्ल उठता है और माधुरी यादव की नज़र में अपनी छवि अच्छी कर लेता है। विरोधी और साथी विधायक भी माधुरी यादव को सत्ता से हटाने का प्रयास करते है। सीवान से गोलू भारत की क़ैद से भाग जाती है और गुड्डी पंडित जेल से। कालीन भैया की मिर्ज़ापुर में वापसी होती है।
स्क्रीनप्ले – इस बार कुछ ऐसा ख़ास नहीं है जो दर्शकों बांधे रख सके। पिछली बार की तुलना में स्क्रीन प्ले काफी कमज़ोर और बोरिंग है। अगर आप मिर्ज़ापुर के तीसरे सीजन को देख रहे है और अपने पिछले सीजन नहीं देखें हैं तो आप शायद ही पिछले सीजन को देखना चाहेंगे। दूसरे सीजन में ऐसा नहीं था। इस लिहाज़ से इस बार तीसरे सीज़न का स्क्रीन प्ले काफी कमज़ोर है। आखिर में कालीन भैया की जिस ढंग से वापसी होती है वो दर्शकों को कहानी में वापस लाती है। मिर्ज़ापुर के तीसरे भाग को देखते हुए आप बहुत सारी चीज़ों को मिस करेंगे।
निर्देशन – इस बार के सीजन को गुरमीत ने निर्देशित किया है। कमजोर स्कीनप्ले के कारण अच्छा निर्देशन भी नहीं किया जा सकता है । गुरमीत ने पिछली सफलता के दम पर आगे बढ़ने की कोशिश करते दिखाई दिये हैं । आखिर में कालीन भैया की जिस तरह से वापसी हुई है उससे मिर्ज़ापुर के अगले सीज़न को लेकर उत्साह बढ़ाने में कामयाब होता है ।दर्शक कहानी में वापसी करते है । लेकिन तब तक बहुत देर हो। चुकी होती है ।
क्यों देखें – आप मिर्ज़ापुर सीरीज़ के फैन है और उसको देखना ही है तो आप इसको देख सकते है। बाकी इसमें ऐसा कुछ खास नहीं है कि इसको देखे बिना रह नहीं सकते है। इस बार खोदा पहाड़ निकला कुछ नहीं !
मिर्ज़ापुर 4 में क्या कुछ कमाल होगा। देखना दिलचस्प होगा।