समय भास्कर नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ई डी द्वारा गिरफ्तारी के बाद जहाँ एक तरफ देख के विपक्षी दल गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे है। वहीं कुछ दिन पहले जर्मनी और अमेरिका ने इसको लेकर बयान जारी किया है। इन देशों द्वारा जारी बयानों को लेकर भारत की तरफ़ से कड़ी आपत्ति जताई गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने अमेरिकी दूतावास की कार्यवाहक उपप्रमुख ग्लोरिया बरबेना को तलब किया था। भारत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर की गई अमेरिकी विदेश विभाग की टिप्पणी को ‘अनुचित’ करार देते हुए कहा था कि उसे अपनी स्वतंत्र और मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाओं पर गर्व है और वह इन्हें किसी भी प्रकार के अनावश्यक बाहरी प्रभाव से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आबकारी नीति ‘घोटाले’ से जुड़े धन शोधन मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार किया है ।
वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें ‘‘उम्मीद” है कि भारत तथा किसी भी अन्य देश में, जहां चुनाव हो रहे हैं, लोगों के ‘‘राजनीतिक और नागरिक अधिकारों” की रक्षा की जाएगी और हर कोई एक ‘‘स्वतंत्र व निष्पक्ष” माहौल में मतदान कर पाएगा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और विपक्षी दल कांग्रेस के बैंक खातों से लेनदेन पर रोक के मद्देनजर भारत में आगामी राष्ट्रीय चुनाव से पहले राजनीतिक स्थिति पर एक सवाल के जवाब में बृहस्पतिवार को ये टिप्पणियां कीं।
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर की गईं कुछ टिप्पणियों के विरोध में अमेरिका के एक वरिष्ठ राजनयिक को भारत द्वारा तलब किये जाने के कुछ घंटे बाद वाशिंगटन ने दोहराया था कि वह निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करता है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था, ‘‘मैं किसी निजी राजनयिक बातचीत के बारे में बात नहीं करने जा रहा हूं, लेकिन निश्चित रूप से, हमने सार्वजनिक रूप से जो कहा है, वही मैंने यहां से कहा है कि हम निष्पक्ष, पारदर्शी, समयबद्ध कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं. हमें नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होनी चाहिए। यही बात हम निजी तौर पर स्पष्ट कर देंगे ।