पंकज दुबे /मुंबई
अदाणी इलेक्ट्रिसिटी- सीप्‍ज़ ने अपना नया डिस्ट्रिब्‍यूशन लाइसेंस मिलने की घोषणा की है। इससे सांताक्रूज़ इलेक्‍ट्रॉनिक एक्‍सपोर्ट प्रोसेसिंग ज़ोन (सीप्‍ज़) स्‍पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (सेज़) में व्‍यवसायों के लिये प्रतिस्‍पर्द्धी टैरिफ्स देने के लिये समर्पित एक नये युग का आरंभ हो रहा है। यह उपलब्धि सीप्‍ज़ प्राधिकरण एवं सीप्‍ज़ के मेम्‍बर एसोसिएशंस के संयुक्‍त प्रयासों का परिणाम है, जिससे अदाणी इलेक्ट्रिसिटी- सीप्‍ज़ की सीप्‍ज़ के व्‍यवसायों को भरोसेमंद स्रोतों से स्‍थायी ऊर्जा प्रदान करने के लिये प्रतिबद्धता दिखती है।
सालों के अथक प्रयासों के बाद, एईएमएल सीप्‍ज़ लिमिटेड (एएसएल) को सीप्‍ज़ के लिए पूरी तरह समर्पित फैसिलिटी के तौर पर काम करने के लिए डिस्ट्रिब्‍यूशन लाइसेंस दिया गया है। यहां तक पहुंचने की यात्रा काफी लंबी रही है, लेकिन अब भरोसेमंद एवं स्‍थायी ऊर्जा समाधानों के नए युग में कदम रखने का समय आ गया है।1 नवंबर, 2023 से परिचालन शुरू हो रहा है, सीप्‍ज़ ऊर्जा क्रांति का अनुभव करने के लिये तैयार है।
सीप्‍ज़ व्‍यवसायों को प्रतिस्‍पर्द्धी टैरिफ्स देने की रोमांचक संभावना पर अपनी बात रखते हुए, अदाणी इलेक्ट्रिसिटी- सीप्‍ज़ के प्रवक्‍ता ने कहा, “अदाणी इलेक्ट्रिसिटी- सीप्‍ज़ विश्‍व-स्‍तरीय सेवाओं की पेशकश करने, बिजली की निर्बाध आपूर्ति और स्‍थायी ऊर्जा समाधान प्रदान करने के अपने मिशन को लेकर दृढ़ है। हमारा नजरिया नवाचार में निहित है, हम आधुनिक तकनीकें एवं अभ्‍यसों का इस्‍तेमाल करते हैं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सीप्‍ज़ को केवल एनर्जी नहीं बल्कि बदलाव लाने वाले समाधान मिलें। अदाणी इलेक्ट्रिसिटी- सीप्‍ज़ एक बिजला प्रदाता से कहीं बेहतर स्थिति में हैं, हम ग्राहक की वृद्धि एवं विकास की दिश में एक भरोसेमंद पार्टनर बनना चाहते हैं।”
 इस कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए, सीप्‍ज़ सेज़ अथॉरिटी के ज़ोनल डेवलपमेंट कमिश्‍नर श्री राजेश कुमार मिश्रा (आई.आर.एस.) और जॉइंट डेवलपमेंट कमिश्‍नर श्री सी. पी. एस. चौहान (आई.आर.एस.) ने कहा, “यह 2-3 वर्षों के हमारे अथक प्रयासों का परिणाम है। बोली लगाने की प्रतिस्‍पर्द्धी एवं पारदर्शी प्रक्रिया के माध्‍यम से हमें अपने डीम्‍ड डिस्‍ट्रीब्‍यूशन लाइसेंस के परिचालन के लिये को-डेवलपर के रूप में एईएमएल सीप्‍ज़ लिमिटेड मिले हैं, ताकि हम सीप्‍ज़ में बिजली की खपत का टैरिफ कम दरों पर रख सकें। अब हम टैरिफ में 25-30% की कमी के बहुत करीब हैं। बिजली की कम लागत व्‍यापार एवं उद्योग के लिये बड़ी सौगात होगी और अंतर्राष्‍ट्रीय बाजारों के लिये उत्‍पादन तथा सेवाएं प्रतिस्‍पर्द्धी दरों पर प्रदान की जा सकेंगी। यह व्‍यवसाय के लिये सहायक होगा, जिससे हमारे देश की अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
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