नई दिल्ली: मणिपुर पिछले 3 महीने से हिंसा की आग में जल रहा है. कुकी और मैतेई समुदाय के जातीय संघर्ष में अबतक 160 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पिछले दिनों कुकी के दो महिलाओं के आपत्तिजनक वीडियो सामने आए थे. इसे लेकर पूरे देश में आक्रोश व्याप्त है. अब मणिपुर हिंसा का मुद्दा संसद तक पहुंच गया है. मणिपुर पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जवाब दिया है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में हिंसा के कारणों और राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर विस्तृत प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि मणिपुर में हिंसा की घटनाएं हुई हैं. ऐसी घटनाओं का कोई भी समर्थन नहीं कर सकता है. इन घटनाओं पर राजनीति करना शर्मनाक है.

विपक्ष नहीं चाहता है चर्चा

उन्होंने लोकसभा में कहा कि मैं पहले दिन से ही मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार था, लेकिन विपक्ष कभी चर्चा नहीं करना चाहता था. आप मुझे चुप नहीं करा सकते हैं, क्योंकि 130 करोड़ लोगों ने हमें चुना है इसलिए उन्हें हमारी बात सुननी होगी. हमारी सरकार के पिछले छह वर्षों के दौरान मणिपुर में कर्फ्यू की आवश्यकता कभी नहीं पड़ी.मणिपुर हिंसा पर अमित शाह ने आगे कहा कि मैं मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से बातचीत में शामिल होने की अपील करता हूं, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम राज्य में शांति लाएंगे. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए.

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि ये वीडियो (मणिपुर वायरल वीडियो) इस संसद सत्र के शुरू होने से पहले क्यों आया? अगर किसी के पास यह वीडियो था तो उन्हें इसे डीजीपी को देना चाहिए था और उसी दिन (4 मई) कार्रवाई की गई होती. हमें जिस दिन वीडियो मिला हमने उन सभी 9 लोगों की पहचान कर ली और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. मैं वहां (मणिपुर) 3 दिन रहा और इस अवधि के दौरान हमने कई निर्णय लिए. राज्य में सामान्य स्थिति स्थापित करने के लिए क्षेत्र में अर्धसैनिक बल तैनात किया गया है.मणिपुर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि जब कोई राज्य का मुख्यमंत्री सहयोग नहीं कर रहा हो तो उसे बदलना पड़ता है ये सीएम केंद्र के साथ सहयोग कर रहे हैं.

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