सिनेमा 70 mm मुंबई – अभी तक तो फिल्मों का ही बेडा गर्क होता था कुछ भी बना दो , दर्शकों को क्या पता चलता है। मजबूरी है उनकी। फिर OTT आया और दर्शकों को दुनिया भर का अच्छा सिनेमा ,वेब Series देखने को मिली। बाज़ार में बड़े OTT चैनल आगये । इस दौरान दर्शकों को काफी अच्छी अच्छी वेब सीरीज़ देखने को मिली, लेकिन अब मामला बदल गया है। कुछ भी बनाओ। जिओ सिनेमा पर रिलीज़ हुई तुषार कपूर की दस जून की रात। ऐसी ही एक सीरिज़ है जिसको शायद ही आप झेल सकेंगे । ना सर ,ना पैर । जिओ सिनेमा नेटफ्लिक्स, amazon प्राइम को पीछे छोड़ने का सपना देख रहा है । अगर ऐसे कंटेंट को जिओ ने नहीं रोका तो जिओ भी बीते जमाने की बात हो जाएगा ।
तुषार कपूर काफी समय बाद एक्टिंग कर रहें है। गोलमाल फिल्म को छोड़ दे तो उनका एक्टिंग से कुछ खास अच्छा रिश्ता नहीं रहा है। दस जून की रात में एक तुषार एक ऐसे इंसान का किरदार निभा रहें हैं जिसको लोग पनौती पुकारते है। सीरीज़ का स्तर इतना निम्न है कि इसको किसी टीवी सीरियल से भी कम्पेयर नहीं कर सकते है।
ऐसा कंटेंट बना कर पैसा , दर्शकों का समय और मेकर्स की क्रिएटिविटी सब पर पनौती लगा रहे है । जिओ सिनेमा के लोगो को अपने प्लेटफार्म पर ऐसी कंटेंट डालने से बचना चाहिए नहीं तो एक दिन इसको फ्री में भी कोई नहीं देखेगा।
बड़ी हिम्मत कर के इस सीरिज़ को देखा पर इस सीरीज़ का रिव्यू लिखने की हिम्मत नहीं है। इसको देखने के बाद जो भाव आये उनको लिख कर दर्शकों के सामने रख रहा हूँ। जिससे जनता का समय और उनका स्वास्थ ठीक रहे । जिससे उनको यह घटिया सीरीज से बचाया जाये ।