5100 रुपये और बाल्टी के साथ नकद धनराशि देकर किया सम्मान
शिकोहाबाद। सिरसागंज के गांव बछेला में दंगल का आयोजन किया गया। जिसमें छोटे बड़े पहलवानों ने अपने दांव पेंच दिखाये। पहलवानों को अखाड़े में कुश्ती लड़ते देख युवाओं को इस प्राचीन परंपरा की याद आई और युवा कुश्ती की तरफ आकर्षित हुए। आखिरी कुश्ती जायमई फिरोजाबाद के राजाचंद्र पहलवान ने बुंदेला के पहलवान नन्हें को हराकर जीती।
बछेला गांव में दंगल हर साल रक्षाबंधन के दिन लगता है। इस बार रक्षाबंधन दो दिन का होने के कारण दोनों दिन दंगल का आयोजन हुआ। इसमें ज्यादातर पहलवान मैनपुरी फिरोजाबाद और इटावा जिला के आए। उन्होंने दर्शकों को अपने दांव पेंच दिखाये। दोपहर दो बजे से दंगल का शुभारंभ हुआ। दंगल देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। पहलवानों ने भी दर्शकों को कुश्ती के दांव पेंच दिखा कर खूब उत्साहित किया। शुभारंभ गांव के प्रधान रवीश कुमार ने फीता काटकर पहलवानों के हाथ मिलवा कर किया। इस दौरान छोटी, मध्यम और बड़ी कुश्ती भी हुईं । दंगल करीब 5 घंटे तक चला।
आखिरी कुश्ती में 5100 रुपये,बाल्टी और कमेटी द्वारा नगद राशि भी उपहार में दी। झंडी की कुश्ती राजा चंद्र पहलवान जायमई फिरोजाबाद और नन्ही पहलवान बुंदेला के मध्य हुई। कुश्ती के दौरान नन्हीं पहलवान के नाक में चोट लग जाने के कारण राजा चंद्र पहलवान को ज्यादा ताकत नहीं लगानी पड़ी और कुश्ती उसने आसानी से जीत ली। झंडे की कुश्ती लगभग 7 बजे प्रारंभ हुई और 15 मिनट तक चली। आखिर में राजा चंद पहलवान फिरोजाबाद के गांव जायमई ने जीती और उसे झंडे की कुश्ती की कीमत के अलावा लोगों ने काफी उपहार दिए। नगद पुरस्कार देने के साथ उसका सम्मान किया।