पंकज दुबे/मीरा-भाईंदर
भाजपा के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता मीरा रोड मे भगवान विट्ठल-रुक्मिणी मन्दिर का प्रतिरुप बनाएंगे, उन्होंने कहां की आषाढ़ी एकादशी के इस पवित्र महीने में, मैं खुद पंढरपुर जा कर भगवान विट्ठल और रुक्मणी का दर्शन करना चाहता था परंतु किसी कारण वस मैं नहीं जा सका |
मंदिर के प्रतिरुप के बारे मे उन्होंने कहां की ऐसे कितने भक्त होंगे जो जिनकी इच्छा तो हैं पंढरपुर जाने की परंतु कसी कारण वह पंढरपुर नहीं जा सकते, इसलिए इस विषय पर विचार किया गया, जसमे पूर्व उप-महापौर हसमुख गहलोत और प्रशांत दलवी सहयोगी होंगे |
उन्हीने बताया की बताया की मंदिर मे भगवान का दर्शन 17 जुलाई को सुबह 5.30 बजे काकड आरती के साथ शुरू होगा, इस मंदिर मे भगवान की मंदिर भगवान विट्ठल और रुक्मणी की 65 फ़ीट की प्रतिमा होगी और भक्त भगवान का दर्शन कर सकेंगे |
नरेंद्र मेहता ने कहा कि भजन और कीर्तन करने के लिए महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से प्रसिद्ध कीर्तनकारियों को यहां आमंत्रित किया गया है, यह कार्यक्रम 17 से 23 जुलाई तक चलेगा, यहां आने वाले सभी भक्तो के सुविधावो को ध्यान मे रखा गया हैं और सुरक्षा के सभी इंतज़ाम किये गये हैं |
महाराष्ट्र के प्रमुख तीर्थ स्थलों में पंढरपुर का नाम प्रसिद्ध है जो महाराष्ट्र में भीमा नदी के तट पर शोलापुर शहर के पास बसा हुआ है। इसे वारकरी संप्रदाय का स्थापना स्थल भी कहा जाता है इसकी शुरुआत इस दौरान ही हुई तो वहीं पर इस संप्रदाय के लोग भगवान श्रीकृष्ण को भगवान विट्ठल के नाम से जानते है औऱ पूजा करते है। इसे लेकर ही हर साल लाखों की संख्या में वारकरी संप्रदाय के लोग विट्ठल-विट्ठल नाम जपते हुए 15 दिन की पैदल यात्रा करते हैं, यह यात्रा देहु से पंढरपुर के बीच निकाली जाती है। मान्यता है कि ये यात्राएं पिछले 800 सालों से लगातार आयोजित की जाती रही हैं।