फिरोजाबाद।शुक्रवार को एका के कवि सम्मेलन में कार्यक्रम में पधारे अतिथियों द्वारा मां सरस्वती पर पुष्प अर्पित कर सभी को माला पहनकर पटका भेंट किए गए। फर्रुखाबाद से आए 8 वर्षीय नन्हे बाल कवि विनायक दुबे ने “हम शाश्वत सत्य सनातन है” गाकर लोगों में ऊर्जा का संचार कर दिया। कवित्री उषा त्रिपाठी ने”यहां झांसी वाली रानी की अभी तलवार जिंदा है” यशपाल सिंह यश ने चूड़ियों का गीत गया,टूंडला से आए कवि लटूरी सिंह लठठ् ने “जीना है तो सच कहता हूं,हंसना बहुत जरूरी है”दर्शकों को हसा- हसा के लोटपोट कर दिया। कृष्ण कुमार कनक ने विदुर केशव संवाद गया। विष्णु उपाध्यक्ष विशू ने “सामने दरिंदे हो तो मुंह नौच लेना तुम, गया। डॉ. प्रशान्त देव मिश्र ने सुन्दर हास्य “खुद मौसी से प्यार करेंगे पापाजी।
दिलीप गॉड ने मां और पिता के लिए रचना पढ़ी। कवि सर्जन शीतल प्रेम रचना”गीत बनकर दिलों में उतर जायेंगे” बनवारी लाल विप्र ने हिंदुस्तान की जुगाड़ के ऊपर “हर आदमी लगा है यहां अपनी जुगाड़ में ,मेरा काम बन जाए सब जाए भाड़ में”। जयपुर से आए गौरव गाफिल ने प्रेम पढा। कार्यक्रम की संयोजक युवा कवित्री गौरंगी रजनीश ने भुलाकर आज रंजो गम कि रंग जाए तिरंगे में गया। कार्यक्रम का संचालन लटूरी सिंह लठ्ठ के साथ कृष्ण कुमार कनक ने किया। कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंधन वेद प्रकाश मिश्रा विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ डी के चतुर्वेदी के साथ कई गणमान्य बिभूतियां मौजूद रही।
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