Cinema 70mm / Review by ActAbhi – 3*/5

एक रात में जिंदगी कैसे कैसे रूप दिखाती है और अगर आप की वाट लगनी हो तो फिर उसको कोई नहीं रोक सकता और कहते हैं ना जिंदगी कब किस करवट बैठ जाये उसका कोई ठिकाना नहीं। ऐसी ही एक रात की कहानी है ब्लैक आउट। इस कहानी में लोगो की लगेगी वाट और दर्शकों को आएगा मज़ा।

कहानी – एक पत्रकार लेनी डिसूजा जो स्टिंग ऑपरेशन करने में माहिर है और जब जिंदगी उसका स्टिंग करती है तो उसका कैसा हाल होता है । एक शाम को काम ख़त्म करके विक्रांत जब घर आता है और उसकी बीवी उसको बहार से अंडा पाउ लेने भेजती है। उससे पहले होता है ब्लैक आउट ,पूरे शहर की बिजली चली जाती है। जब पत्रकार विक्रांत मैसी अपनी कार से जा रहा होता है तो विक्रांत को अपना दोस्त दिखाई देता है और वो उसको एक जगह छोड़ता है। इसके बाद उसकी कार रास्ते में एक गाडी से टकराती है और उस गाडी में होता है सोना यानी लालच, लुटेरों का सोना । इसी लालच में वो उस गाडी से एक बॉक्स उठा लेता है और तेज गति से अपने घर की ओर जाता है तभी उसकी कार से एक आदमी टकरा जाता है और फिर जब पत्रकार विक्रांत उसको देखता है तो भीड़ से वो कहता है की उस आदमी को गाडी में डाल दो, मैं उसको अस्पताल छोड़ दुंगा । इसी बीच उसको रास्ते में मिलता है एक शराबी सुनील ग्रोवर जो पत्रकार को ब्लैकमेल करता है और बोलता है की अगर मुझे शराब नहीं दी तो मै पुलिस को बता दूंगा। मजबूरी में विक्रांत उसको बिठा लेता है और बोलता है इस इसको ठिकाने लगाना है। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। लाश को ठिकाने लगाने पर दो और मिल जाते है और फिर ब्लैकमेल शुरू । लेकिन लाश को दफना नहीं पाते है और सभी लोगों को वहां से भागना पड़ता है। शराबी सुनील दारू की दुकान से शराब लेने के चक्कर में कुछ ऐसा करते हैं कि पुलिस पीछे पड़ जाती है लेकिन फिर ऐसा कुछ होता है जिससे विक्रांत पत्रकार की जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है।

कलाकार – विक्रांत मैसी, मौनी रॉय, सुनील ग्रोवर, जीशू सेनगुप्ता, करण सुधाकर सोनवणे, सौरभ दिलीप घाडगे, रूहानी शर्मा, अनंतविजय जोशी, प्रसाद ओक, छाया रघुनाथ कदम, सूरज पोप्स और केली दोरजी।

अभिनय – विक्रांत मैसी ने अपनी पिछली फिल्मों से अपने आप को एक अच्छा अभिनेता साबित किया है। इस फिल्म में अच्छा अभिनय किया है। फिल्म में सुनील ग्रोवर आपको एक नए अवतार में दिखाई देने वाले है। बाकी सारे कलाकारों ने ठीक अभिनय किया है।

निर्देशन – देवांग शशिन भावसार ने फिल्म को लिखा और निर्देशित किया है। निर्देशक ने फिल्म को अच्छी तरह से बनाया है। फिल्म मनोरंजक है। फिल्म में सस्पेंस का तड़का है। फिल्म आपको हँसाती है।

निर्माता: ज्योति देशपांडे ,नीरज कोठारी

संगीत: विशाल मिश्रा

संवाद: अब्बास दलाल, हुसैन दलाल

डीओपी: अनुभव बंसल

संपादक: उन्नीकृष्णन पी.पी.

पृष्ठभूमि स्कोर: जॉन स्टीवर्ट एडुरी

गीतकार: विशाल मिश्रा

फिल्म को क्यों देखें – अगर आप एक ऐसी कहानी  देखना चाहते है जिसमें आपको सस्पेंस के साथ कमेडी देखने को मिले , मतलब फुल ओन मनोरंजन। फिल्म जिओ सिनेमा पर रिलीज़ हो चुकी है।

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