समय भास्कर मुंबई। फिल्मों को लेकर अक्सर कोई न कोई विवाद सामने आता रहता है। प्रश्न यह उठता है कि यह विवाद फिल्म को हिट कराने के चलते किये जाते है ? खैर अब एक और विवाद हो गया है एक तरफ जहाँ “हमारे बारह फिल्म “को लेकर मामल कोर्ट में चल रहा है दूसरी तरफ
आमिर खान के बेटे की लॉचिंग फिल्म महाराज विवादों के चलते कोर्ट पहुंच गई है।
आमिर खान ने अपने बेटे को फिल्मों में लांच करने के लिए एक ऐसी फिल्म का चुनाव किया जो आपत्ति जनक है इस फिल्म में भगवान् श्री कृष्ण और हिन्दू धर्म पर अप्पत्ति जनक बातें बोली गई है ? ऐसा आरोप लगाया जा रहा है। फिल्म “महाराज” यशराज फिल्म्स द्वारा निर्मित और 14 जून, 2024 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होनी थी। इस फिल्म पर विवाद के चलते मामला कोर्ट में पहुंच गया है और फिल्म की रिलीज़ पर अंतरिम रोक लग चुकी है। अब देखने वाली बात यह है कि आमिर खान और उनका गैंग जान भूझ कर ऐसी कहानियों का चुनाव करता जिनसे विवाद हो या इसके पीछे कोई हिन्दू धर्म को बदनाम करने की साजिश चल रही है ? वैसे pk फिल्म तो याद हैं ना इसमें भगवन शिव बने एक कलाकार को कैसे दिखाया गया है। अब आमिर खान के लड़के की फिल्म पर विवाद हो गया है।
बात आमिर खान के बेटे की करें तो उन्होंने अपने बेटे को लॉच करने के लिए ऐसी कहानी क्यों चुनी और अगर आमिर चाहते तो यश राज उनके लड़के को बड़े ढंग से लॉच करता और बॉक्स ऑफिस पर पता चल जाता की आमिर का लड़का हिट या फ्लॉप अगर फिल्म दर्शकों को पसंद आती तो लकड़ा रातो रात स्टार लेकिन ऐसा नहीं किया गया । इसके पीछे क्या बजह हो सकती है ?
लॉबीट वेबसाइट के अनुसार –
“गुजरात उच्च न्यायालय ने अभिनेता आमिर खान के बेटे जुनैद खान अभिनीत फिल्म “महाराज” की रिलीज पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश जारी किया है। यशराज फिल्म्स द्वारा निर्मित और 14 जून, 2024 को नेटफ्लिक्स पर प्रीमियर के लिए तैयार यह फिल्म अगले नोटिस तक रिलीज नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि यह जुनैद खान की पहली फिल्म है। मामले की अध्यक्षता कर रही न्यायमूर्ति संगीता के. विशेन ने पुष्टिमार्गी संप्रदाय के भक्तों और भगवान श्री कृष्ण के अनुयायियों द्वारा उठाई गई चिंताओं के जवाब में 13 जून को अंतरिम आदेश जारी किया। अदालत ने निर्देश दिया कि यशराज फिल्म्स, नेटफ्लिक्स इंडिया और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस भेजे जाएं।
अदालत ने कहा, “प्रस्तुतियों पर विचार किया गया। प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया गया, जिसका जवाब 18 जून, 2024 को दिया जाना है। अगली सुनवाई की तारीख तक पैराग्राफ 11(सी) के अनुसार अंतरिम राहत दी जाती है।” इस आदेश के मद्देनजर 14 जून को नेटफ्लिक्स पर फिल्म की निर्धारित स्ट्रीमिंग रोक दी गई है। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि फिल्म सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ सकती है और उनके संप्रदाय और हिंदू धर्म के खिलाफ हिंसा भड़का सकती है। यह तर्क दिया गया कि फिल्म की रिलीज “सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (जिसे बाद में ‘2021 के नियम’ के रूप में संदर्भित किया जाता है) और ओवर द टॉप टेक्नोलॉजी (ओटीटी) के स्व-विनियमन संहिता के तहत आचार संहिता का उल्लंघन होगा।” वरिष्ठ अधिवक्ता श्री मिहिर एच. जोशी द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि फिल्म “महाराज” “1862 के मानहानि मामले” पर आधारित है, जो अंग्रेजी न्यायाधीशों द्वारा तय किया गया एक ऐतिहासिक मामला है।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि फिल्म में निंदनीय और अपमानजनक भाषा है जो पुष्टिमार्गी संप्रदाय और पूरे हिंदू धर्म को बदनाम करती है। याचिकाकर्ताओं ने आगे तर्क दिया कि फिल्म की रिलीज़ को गुप्त रूप से प्रबंधित किया जा रहा था, जिसमें कोई ट्रेलर या प्रचार कार्यक्रम नहीं था, जिससे इसकी सामग्री के विवादास्पद होने की चिंता बढ़ गई। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि “एक बार फिल्म रिलीज़ हो जाने के बाद, अपरिवर्तनीय स्थिति पैदा हो जाएगी, जिससे संप्रदाय को हुए नुकसान की भरपाई करना असंभव हो जाएगा,” ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म की व्यापक पहुंच पर प्रकाश डाला।
याचिकाकर्ताओं ने निजी स्क्रीनिंग से इनकार करने की ओर इशारा किया। फिल्म को रोकने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय से तत्काल अपील करने के बावजूद, उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। याचिकाकर्ताओं ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और 2021 के नियमों का हवाला देते हुए विशेष रूप से इसका हवाला दिया नियम 16 और धारा 69ए, जो सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने वाली सामग्री को अवरुद्ध करने का प्रावधान करते हैं।
अदालत 18 जून को मामले पर आगे की दलीलें सुनने के लिए फिर से बैठेगी।
कारण शीर्षक: भारत प्राणजीवनदास मंडालिया और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य [आर/विशेष सिविल आवेदन संख्या 8772 वर्ष 2024] ”
अब देखना यह होगा की कोर्ट में चली यही यह लड़ाई कहाँ तक जाती है और फिल्म का क्या हश्र होता है।