मीरा भायंदर। 145 विधानसभा क्षेत्र में हुए चुनाव में गीता जैन को हार का सामना करना पड़ा। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस हार का प्रमुख कारण उनकी टीम की लापरवाही और संगठनात्मक कमजोरियां रहीं। चुनाव प्रचार के दौरान कई क्षेत्रों में प्रचार अभियान कमजोर रहा। स्थानीय मुद्दों को पर्याप्त रूप से नहीं उठाया गया, जिससे मतदाताओं में असंतोष बढ़ा। इसके अलावा, सोशल मीडिया और जमीनी स्तर पर अभियान में समन्वय की कमी स्पष्ट रूप से देखी गई।
पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने भी प्रचार में सक्रिय भूमिका नहीं निभाई, जिससे गीता जैन के विरोधियों को बढ़त मिली। मतदाता सूची प्रबंधन और बूथ स्तर की तैयारियों में भी खामियां देखी गईं।
गौरतलब है कि गीता जैन एक मजबूत प्रत्याशी मानी जा रही थीं, लेकिन टीम की रणनीतिक चूक और जमीनी हकीकत से कटाव ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अब पार्टी इस हार से सबक लेकर आगे की रणनीति पर काम कर रही है।