सिनेमा 70mm / ActAbhi – * 2 /5 – अनाप शनाप पैसा खर्च करके, दर्शकों के दिलों में जगह बनाई जा सकती है ।यह बात तो नामुमकिन है।संजय लीला भंसाली की हीरामंडी ने इस बात को प्रमाणित कर दिया है। मुगलेआज़म बनाने के चक्कर में नींद की दवाई बना दी। संजय लीला भंसाली का OTT डेब्यू सफल नहीं हुआ । दर्शकों को पसंद नहीं आई हीरामंडी । लोगो ने भंसाली के सिनेमा को मिस किया है।
संजय लीला भंसाली को दर्शक उनकी शानदार फिल्मों के कारण पसंद करते हैं। वो जो भी फ़िल्में बनाते हैं। लोगो को उसका इंतज़ार रहता है। फिल्मों के बाद संजय ott में भी अपनी धाक ज़माने को आ चुके हैं। हीरामंडी नेटफिलिक्स पर रिलीज़ हो चुकी है। हीरामंडी की घोषणा के बाद से इसके रिलीज़ तक इसके किस्से सुने ही होंगे। इस सीरीज़ का जम कर प्रचार किया जा रहा है। अब हम आपको हीरामंडी कैसी है इसका हाल बयां करते है।
सीरीज़ शुरू होते ही आपको संजय लीला भंसाली नज़र आने लगते हैं । जिस तरह का काम वो करते हैं वो दिखाई देने लगता हैं।बड़ा सेट, उनके किरदारों के महंगे कपड़े ,काफी पैसा खर्च किया गया है। वो दिखाई दे रहा है। अंग्रेज़ों के शासन काल में उस दौर को दिखाने के लिए जो भी एक भारतीय निर्देशक द्वारा किया जाना चाहिए वो सब किया गया है। संगीत के नाम पर दो गाने ही ठीक हैं बाकी को आप नहीं सुनना चाहेंगे। एपिसोड काफी लंबे हैं। पूरी सीरीज़ करीब 7 घंटे की है। पहला एपिसोड को देखने के बाद ही आपको नींद आने लगेगी।
इस सीरीज़ में एक्टर्स का चयन ठीक नहीं लगा। सोनाक्षी सिन्हा को एक्टिंग आती नहीं है या वो उनसे एक्टिंग करवा नहीं पाए। कलाकार अपने अभिनय से प्रभावित करने में असफल रहे।संजय इस सब्जेक्ट पर फिल्म बनाते तो शायद भारत को एक और मुगलेआजम मिल सकती है पर इस कास्ट के साथ नहीं।