सिनेमा 70 mm । भारत को आजदी मिले करीब 77 साल बीत गए है। आजादी के समय एक बड़ा अभिशाप था वो था धर्म के नाम पर देश का बटवारा, और उस दौरान हुए नरसंहार। उस समय के नरसंहारों के बारे में लोग जानते हैं और कुछ के बारे में नहीं। 1947 में ऐसा ही एक नरसंहार हैदराबाद ने हुआ था। इसके बारे में ज्यादातर लोगो को पता ही नहीं है। हैदराबाद का निज़ाम पाकिस्तान में मिलना चाहता था। और उसके लिए उसने वहां बहुत अत्याचार किये, हैदराबाद में नरसंहार किया। सरदार पटेल के कारण उसके मनसूबों पर पानी फिर गया।
इसी नरसंहार पर आधारित फिल्म ‘रज़ाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ़ हैदराबाद’ पैन इंडिया 26 अप्रैल को रिलीज होने जा रही है। यह फ़िल्म हिंदी के साथ तेलुगु, तमिल, कन्नड़ के साथ मलयालम में भी बड़े पर्दे पर रिलीज होगी। इस फिल्म को समरवीर क्रिएशन एलएलपी के बैनर तले गुदुर नारायण रेड्डी ने प्रोड्यूस किया है।फिल्म को यता सत्यानारयणा ने डायरेक्ट किया है।फिल्म की स्टार कास्ट मकरंद देशपांडे, तेज सप्रू, राज अर्जुन, अभिनेत्री अनुसृया त्रिपाठी का नाम शामिल है। फ़िल्म के निर्माता गुदुर नारायण रेड्डी और फिल्म की कास्ट गुजरात स्थित “स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी” पहुंची।
ट्रेलर की शुरुआत में औरतों, बच्चों और बुजुर्गों पर अत्याचार होते हैं इस बीच हैदराबाद के निज़ाम का आदेश आता है कि ‘ओमकार सुनाई नहीं देना चाहिये और भगवा दिखाई नहीं देना चाहिए’। दूसरी तरफ निज़ाम के पास सरदार पटेल का संदेश आता है। इसमें कहा जाता है कि हैदराबाद को हिंदुस्तान में विलय नहीं किया तो हालात बिगड़ जाएंगे। इस बीच सरदार पटेल का संवाद आता है कि ना संधि ना समर्पण अब बस युद्ध होगा। । फिल्म 26 अप्रैल को पूरे भारत को हैदराबाद के साइलेंट नरसंहार की कहानी बताने आ रही है।