संवाददाता/वसई-विरार
वसई विरार मनपा में लगभग 3 वर्षों से अधिक समय से चुनाव नहीं हुआ है, किसी भी पार्टी का कोई नगरसेवक भी नहीं, प्रसाशक/ आयुक्त द्वारा मनपा का कार्यभार चलाया जा रहा है ।
बावजूद इसके कई ऐसे मामले हैं जहाँ राजनितिक लोग मनपा प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास करते हैं। यहाँ के अधिकांश नेता या तो बिल्डर हैं या तो बिल्डर के रिस्तेदार फिर चाहे वो मनपा नियमावली से मंजूर वैध निर्माण वाले हों, या फिर सरकारी जमीन कब्ज़ा करके अवैध निर्माण करने वाले हों ।
मनपा प्रशासन पर इन नेताओं कि पकड़ तगड़ी है, लेकिन पिछले कुछ समय से एक मनपा अधिकारी ने इन अवैध निर्माण के धुरंधरों का तेल निकालकर रख दिया है, नाम है किशोर गवस, 5 महीने पहले अतिक्रमण के उपायुक्त पद पर नियुक्ति हुई तब से लेकर अभी तक सैकड़ो अवैध निर्माण को धूल चटा चुके हैं, लाखों फुट के बांधकाम को जमींदोज कर दिए, यही बात इन छूटभईये नेताओं को रास नहीं आई,, यह लोग किशोर गवस कि कार्यशैली से पहले से अवगत थे, इसलिए जानते थे कि अवैध निर्माण किया तो टूटेगा जरूर, कई नेताओं ने संपर्क करके अवैध निर्माण पर हाथोड़ा ना चलाने कि गुजारिश भी कि लेकिन सफल नहीं हुये ।
तब कूटनीति के तहत उपायुक्त को बदनाम करके दबाव बनाने का प्रयत्न करने लगे। हालाँकि उन्हें यहाँ भी सफलता मिलती दिखाई नहीं देती।
किशोर गवस इससे पहले भी कई बार इस पद बार कार्य कर चुके हैं और उन्हें शहर के बारे में अन्य अधिकारीयों कि अपेक्षा ज्यादा जानकारी हैं, अवैध निर्माण करने वालों कि स्ट्रेटजी को भली भांति जानते हैं, वह उन इलाकों को भी पहचानते हैं जहाँ अवैध निर्माण ज्यादा होता है यही वजह है कि उन्होंने कम समय में ही भूमाफियाओं के आँखों से खून के आंसू निकाल दिए, इसलिए नेताओं, स्थानीय भूमाफियाओ, कुछ अधिकारीयों ने गठजोड़ करके इन्हें पद से हटाने कि साजिश कर रहे हैं। अब देखना होगा कि नेताओं के राडार पर आ चुके किशोर गवस को मनपा आयुक्त आईएएस अनिल पवार सहयोग करेंगे या फिर नेताओं के दबाव में आएंगे।