फिरोजाबाद।संस्कृति विभाग लखनऊ (उ०प्र०) एवं दाऊ दयाल महिला महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 26 व 27 अगस्त को दो दिवसीय सांस्कृतिक संगोष्ठी का आयोजन हर्षोल्लास के साथ दो चरणों में संचालित किया गया। जिसके प्रथम चरण में तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया।इस सत्र में दूर-दूर से आए प्रतिभागियों द्वारा उच्च कोटि के कुल 20 शोध पत्रों का वाचन एवं कजरी गीत की प्रस्तुति से कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की गई।विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ०गीता महेश्वरी, डॉ० आंश्वना सक्सेना एवं नसीम अख्तर ने अहम भूमिका निभाई साथ ही संस्कृति पर अपने विस्तृत विचार रखें।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि रजनी तिवारी राज्य मंत्री उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश,डॉ राजेश प्रकाश क्षेत्रीय अधिकारी, एवं महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो०रेनू वर्मा जी ने संयुक्त रूप से मां शारदे की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात महाविद्यालय की प्राचार्या द्वारा मंचासीन अतिथियों तथा कलाकारों का पटका बैज तथा बुके एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर हार्दिक स्वागत किया। मुख्य अतिथि ने अपने सम्भाषण में कहा कि इस तरह के आयोजन से पाठ्यक्रम के साथ साथ शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को अपने साहित्य,समाज और संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिलेगा,इन्हीं शब्दों के साथ उन्होंने आयोजक मंडल को बहुत-बहुत बधाई देते हुए हर्ष व्यक्त किया।
प्राचार्य ने उक्त आयोजन के संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु कजरी महोत्सव जैसे कार्यक्रम अपनी अहम भूमिका निभाते हैं।लोकगीत लोक संस्कृति हमारी विरासत है हमारी परंपरा है इसे जीवंतता प्रदान करना हमारा परम कर्तव्य है।संगोष्ठी के द्वितीय चरण में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें दूर-दूर से आए कलाकारों ने उत्तर भारत की लोक संस्कृति कजरी की मनमोहक प्रस्तुति से समा बांध दिया। आगरा से पधारी लोक कलाकार ज्योति खंडेलवाल एंड ग्रुप ने कजरी लोक नृत्य की विविध भाव-भंगिमाओं के माध्यम से उत्तर भारत की संस्कृति को पुनर्जीवित किया। सावन के महीने में भारतीय नारी की मनोदशा का वर्णन करते हुए डॉ निष्ठा शर्मा ने भावुकता पूर्ण कजरी लोकगीत की प्रस्तुति दी, जिसके बोल हैं…. जिया बिगर गयौ।
महात्मा गांधी कन्या महाविद्यालय फिरोजाबाद से पधारीं मानव प्रेम और प्रकृति पर आधारित विरह की अभिव्यक्ति देती कजरी की मोहक प्रस्तुति से सभागार में उपस्थित जनसमुदाय भाव विभोर हो उठा। लखनऊ और ग्वालियर घराने से संबंध रखती डॉ मिताली चतुर्वेदी द्वारा कजरी विषय पर आधारित लोक नृत्य की प्रस्तुति एवं विविध भाव-भंगिमाओं से जन मानस झूम उठा। साथ ही राजेश तेजवंत द्वारा रिमझिम बरसे बदरिया कजरी की गायन शैली से सभी श्रोताओं को सम्मोहित कर लिया।
इसके अतिरिक्त महाविद्यालय में अध्ययनरत संगीत विभाग की छात्राओं ने कजरी लोकगायन की प्रस्तुति दी। जिसमें डॉ रूमा चटर्जी,डॉ स्नेहलता,रविन्द्र तलेगांवकर एवं ऋषि कुमार का विशेष सहयोग रहा।उक्त दो दिवसीय कार्यक्रमों का संचालन डॉ० माधवी सिंह, डॉ०अंजु गोयल,डा०निधि गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया।धन्यवाद ज्ञापन की परंपरा का निर्वहन प्रो०विनीता गुप्ता ने किया।
इस अवसर पर समीर शर्मा(सचिव), विजय शर्मा,(चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर),संदीप गोयल (उपाध्यक्ष), अनूप चंद्र जैन, देवीचरण अग्रवाल,अभिषेक मित्तल क्रांति,मुकेश जैन,मयंक भटनागर,प्रो० प्रीति अग्रवाल ने ,प्रो० विनीता यादव, प्रो० विनीता गुप्ता, प्रो० रंजना राजपूत, डॉ छाया बाजपेई,डॉ नम्रता निश्चल त्रिपाठी,डॉ ज्योति अग्रवाल,डॉ शालिनी सिंह डॉ निधि गुप्ता,डॉ संध्या चतुर्वेदी,शालिनी मिश्रा डॉ शिप्रा सिंह,डॉ शारदा सिंह,डॉ पूजा सिंह,डॉ क्षमा बी,डॉ सरिता रानी ,डॉ प्रिया सिंह, डॉ नूतन राजपाल डॉ गरिमा सिंह, नीतू सिंह, नम्रता वर्मा,सरिता शर्मा,तरन्नुम,साक्षी मिश्रा समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।