पंकज दुबे/मीरा-भाईंदर
भारत को मधुमेह की राजधानी के रूप में जाना जाता है और मधुमेह से संबंधित अन्य बीमारियों के कारण मृत्यू होने वालों की संख्या बढती जा रही है। मधुमेह हर उम्र के लोगों को प्रभावित करता है और इसे ‘शुगर रोग’ के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए मधुमेही मरीजों की जीवनशैली में बदलाव और मधुमेह से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करके मृत्यूदर घटाने के लिए मिरारोड के वॉक्हार्ट अस्पताल ने २६ जनवरी के अवसर पर एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया हैं।
इस कार्यक्रम में डायबेटोलॉजिस्ट अँण्ड मेटाबोलिक सर्जन डॉ. रमेन गोयल, डॉ. राजीव मानेक, डायबिटिक फुट सर्जन डॉ श्रद्धा देशपांडे, डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. जिनेन्द्र जैन, डॉ. अनिकेत मुले, इंटरवेंशनल कार्डिलॉजिस्ट डॉ. अनुप ताकसांडे, डॉ. चेतन भाम्बुरे, डॉ आशिष मिश्रा, इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पवन पई, नेफ्रोलॉजिस्ट एवं किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. पुनीत भुवानिया और आहारतज्ज्ञ रिया देसाई ने भाग लिया।
वॉक्हार्ट हॉस्पिटल मीरा रोड न केवल उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है बल्कि मरीजों को मधुमेह के प्रभावी प्रबंधन के लिए विशेष सेवाएं भी प्रदान करता है। व्यक्तिगत उपचार, आहार संबंधी परामर्श और नियमित जांच के माध्यम से रोगियों को उनके इष्टतम स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
वॉक्हार्ट अस्पताल के डायबेटोलॉजिस्ट अँण्ड मेटाबोलिक सर्जन डॉ. रमेन गोयल ने कहॉं की, मधुमेह प्रबंधन के लिए सर्जरी एक प्रभावी समाधान हैं। डायबिटीज के इलाज के लिए की जाने वाली इस सर्जरी को मेटाबॉलिक सर्जरी कहा जाता है। इन सर्जरी में लैप्रोस्कोपिक (कीहोल) एब्डोमिनोप्लास्टी और/या आंत्र री-रूटिंग शामिल है। पहले ये सर्जरी केवल वजन घटाने के लिए की जाती थीं, लेकिन अब यह सर्जरी अनियंत्रित मधुमेह वाले २७.५ बीएमआई वाले रोगियों के लिए वरदान हैं। इस सर्जरी से मधुमेह मरीजों की जान ९.३ वर्ष तक बढ़ गई है।