समय भास्कर संवाददाता,एका। नौनिहालों को सुसंस्कृत करने के लिए सनातन संस्कारशाला समिति के तत्वावधान में बच्चों को निशुल्क साप्ताहिक शिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें आदर्श दिनचर्या,स्वास्थ्य सरंक्षण और अध्यात्म की व्यावहारिक जानकारी दी जा रही है। क्षेत्रीयजनों में संस्कारशाला के प्रयास की सार्थक चर्चा हो रही है।
क्षेत्र में प्रत्येक रविवार को सनातन संस्कारशाला समिति के कार्यकर्ताओं के द्वारा कई स्थानों पर कक्षाएं आयोजित की जाती हैं। सभी संस्कारशालाओं को ऋषियों के नाम दिए गए हैं। जिसमें 4 वर्ष से 15 वर्ष तक के बालक–बालिकाओं को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है। कस्बा एका के मुख्य बाजार स्थित शिव मंदिर पर आयोजित संस्कारशाला को महर्षि व्यास संस्कारशाला नाम दिया गया है। रविवार को नौ बजे दर्जनों की संख्या में बालक–बालिकाओं ने कक्षा में भाग लिया।
संस्कारशाला के शिक्षक आचार्य उमेश तिवारी एवं आचार्या अमिता दीक्षित ने बच्चों को आदर्श दिनचर्या के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि नित्य प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में जागरण करना चाहिए। प्रातः काल नियमित जल्दी जागने से स्वास्थ्य में सुधार होता है ।स्मृति शक्ति का विकास होता है एवं पूरे दिन की दिनचर्या भी ठीक ढंग से पूर्ण होती है। आदर्श महापुरुषों का उदाहरण देते हुए उन्होंने समय संयम एवं अनुशासन के संबंध में बालक बालिकाओं को विस्तार से जानकारी दी।
वहीं भारतीय संस्कृति के आदर्श जीवन मूल्यों का ज्ञान करने के लिए रोचक ढंग से बच्चों को कहानियों ,भजनों एवं अन्य उदाहरण के द्वारा समझाया गया। वही गांव रामपुर में आचार्या रजनी बघेल के द्वारा महर्षि वाल्मीकि संस्कारशाला में भी दर्जनों बच्चों में शिक्षण दिया गया।