नई दिल्ली – National Medical Commission Notification नेशनल मेडिकल कमीशन (NMA) डॉक्टर्स के लिए नये नियम कानून लाई हैं और अगर इनका पूर्णतः पालन किया जाये तो देश में मेडिकल के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति आ जाएगी । दूसरे शब्दों में कहा जाये तो मेडिकल प्रोफेशन में रामराज्य आ जाएगा । हाल ही में नेशनल मेडिकल कमीशन ने एक गैजेट नोटिफिकेशन जारी कर डॉक्टरी व्यवसाय के नियम विरुद्ध कार्यों पर नकेल कसने की कोशिश की है ।
इस नॉटिफ़िकेटिन के जारी होने के बाद , इस तरह के निर्देशों का कई डॉक्टर और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन समेत कई संस्थाएं कड़ा विरोध कर रही हैं । स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बारे में विचार विमर्श करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन और इंडिया मेडिकल एसोसिएशन की मीटिंग बुलाई है।
डॉक्टर्स किसी उत्पाद का समर्थन नहीं कर पायेंगे —-
इस नियम के आने के बाद डॉक्टर किसी तरह के प्रोडक्ट को अपनी ओर से प्रमाणित नहीं करेंगे या किसी भी उत्पाद को बेच यानी उस उत्पाद का समर्थन भी नहीं करेंगे। किसी प्रॉडक्ट या सामान को मरीज को लेने की सलाह नहीं दे सकेंगे।
प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर्स को रखना होगा रिकॉर्ड –
प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर को तीन साल तक अपने मरीज का हेल्थ रिकॉर्ड रखना जरूरी होगा । इससे मरीज़ों को लाभ मिलेगा और अगर कोई दूसरा डॉक्टर गलत या अनैतिक काम कर रहा है तो डॉक्टरों को बिना डरे बताना होगा।
डॉक्टर नहीं ले पाएंगे उपहार —
इस नये दिशा निर्देशों के अनुसार डॉक्टर या उसके परिवार के लोग फार्मा कंपनी, मेडिकल डिवाइस कंपनी, अस्पताल या उनके प्रतिनिधि से किसी तरह का गिफ्ट, ट्रैवल, होटल जैसी सेवाएं, कैश या किसी तरह की फीस, मनोरंजन जैसे ऑफर नहीं ले पाएँगे । डॉक्टर ऐसे किसी सेमिनार में भी नहीं जा सकते जो किसी फार्मा कंपनी ने प्रायोजित किया हो ।
डॉक्टर्स और मरीजो के लिए सुविधा और सुरक्षा —
अक्सर सुनने में आता है की मरीज के परिजनों द्वारा डॉक्टर्स मारपीट जैसे घटनाएँ सामने आती है तो अगर मरीज़ दुर्व्यवहार करे गाली दे या मार पीट करने लगे तो डॉक्टर उसका इलाज करने से मना कर सकता है और उसकी शिकायत भी कर सकता है ।
समय पर ना आने का बताना होगा कारण –
डॉक्टर मरीज को दिए गए समय पर नहीं पहुँच पा रहा है तो मरीज को इस बात की जानकारी देनी होगी ।
सोशल मीडिया और डॉक्टर्स
डॉक्टर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर केवल तथ्यात्मक जानकारी ही डाल सकते हैं। मरीजों के नाम, फोटो या कोई और जानकारी, उनकी बीमारी या उनके टेस्ट रिकॉर्ड पोस्ट नहीं कर सकते। सोशल मीडिया पर डॉक्टर लाइक्स या फॉलोअर खरीदने का काम नहीं कर सकते।
ऐसी सारी चीज़ो सामने आने पर डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है । किसी प्रकरण में जांच के कमीशन के पास शिकायत को खारिज करने का अधिकार होगा । सजा के तौर पर डॉक्टर को वॉर्निंग दे सकती है। डॉक्टर की काउंसलिंग की जा सकती है । डॉक्टर पर पेनाल्टी लगा सकती है। जिसमें डॉक्टर की प्रैक्टिस सस्पेंड करने से लेकर उसकी प्रैक्टिस बंद करने तक के प्रावधान हैं ।—- एजेंसी