फिरोजाबाद। न्यायालय ने दहेज हत्या की दोषी सास को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उसे पर अर्थ दंड लगाया। अर्थ दंड ना देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।जनपद मैनपुरी थाना करहल के गांव मानिकपुर असरोही निवासी सुनीता देवी की शादी 2003 में केशव सिंह पुत्र मुरारी लाल निवासी नगला बलुआ हाल निवासी यादव कॉलोनी शिकोहाबाद के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष अतिरिक्त दहेज में एक लाख रुपया तथा मोटरसाइकिल की मांग कर रहे थे।ससुरालयों की मांग पूरी करने में सुनीता के मायके वालों ने असमर्थता व्यक्त कर दी। 7 अक्टूबर 2007 को सुनीता की विषाक्त के सेवन से मौत हो गई। उसकी मौत के बाद ससुराल वाले फरार हो गए।मायके वालों ने पति जीतू व सास विमला देवी सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
विवेचना के बाद पुलिस ने सास व पति के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 7 जितेंद्र गुप्ता की अदालत में चला।अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे एडीजीसी श्रीनारायण सक्सेना ने बताया किशोर होने के कारण पति की फाइल पृथक कर दी गई। मुकदमे के दौरान आठ गवाहों ने गवाही दी। एक दर्जन साक्ष्य न्यायाधीश के सामने प्रस्तुत किए गए।गांव की गवाही तथा साक्ष के आधार पर न्यायालय ने विमला देवी 75 वर्ष को दोषी माना। न्यायालय ने उसे 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उसे पर 65000 अर्थ दंड लगाया। अर्थ दंड न देने पर उसे 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।