समय भास्कर,शिकोहाबाद। भारतीय खाद्य निगम (एफएसडी) के डिपो प्रबंधक मनोज गौतम,गुण नियंत्रण प्रबंधक अमित सिंह, और राज्य सरकार प्रतिनिध ब्रजेश गंगवार एएमओ द्वारा बृहस्पतिवार को डिपो का दौरा कराया गया। इस दौरान अधिकारियों ने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर मिलने वाले चावल के बारे में विस्त्रित जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक कुंतल चावल में एक किलो चावल प्रीजरवेसन एवं फोर्टिफिएड मिलाया जाता है। जो गभर्वती महिलाओं में आयरन के साथ ही विटामिन ए और 12 के साथ ही आयरन की मात्रा को पूरा करता है। जिससे गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को यह चावल काफी फायदेमंद है।
उन्होंने बताया कि देश में डिपो की स्थापना 1965 में भारत में खाद्यान्न की कमी को देखते हुए भारतीय खाद्य निगम अधिनियम 1964 के अंतगर्त खाद्य सुरक्षा नीति के उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए की गई। इस दौरान प्रबंधक ने बताया कि किसानों के के हितों को सुरक्षित रखने एवं खाद्यान्न की सुरक्षा के लिए निगम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खाद्यन्नों का क्रय,विक्रय,परिवहन एवं संग्रहण का कार्य करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद लोगों को भारत एवं राज्य सरकार द्वारा तय उचित मूल्य पर खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है। कोविड 19 महामारी के दौरान पीएमजीकेएवाई योजना के तहत इस गोदाम से चावल व गेहूं की आपूर्ति दस किलोग्राम अनाज मुफ्त में उपलब्ध कराया गया।
उन्होंने बताया कि डिपो में वर्तमान में रेल मार्ग द्वारा पंजाब व हरियाणा से अनाज मंगाकर सुरक्षित भंडारण किया जाता है। भंडारित खाद्यान्न के रखरखाव व सुरक्षा हेतु निगम के अधिकारी एवं कर्मचारी तैनात हैं। इस दौरान प्रबंधक ने मीडियाकर्मियों को पूरे डिपो का भ्रमण कराया और अनाज के रखरखाव के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर राम अवतार चौधरी,मैनेजर गुण नियंत्रण,बच्चू सिंह,अविनाशी,शेड इंचार्ज धीरज कुमार,मयंक दुबे सहायक,महेश कुमार व कुमारी हीना सिद्दीकी तकनीकी सहायक मौजूद रहीं।