समय भास्कर संवाददाता,एका । सनातन संस्कारशाला के तत्वावधान में शारदीय नवरात्र के अवसर पर रामपुर गांव में पंच कुंडीय नवचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिवर्ष होने वाले आयोजन में इस वर्ष जैन मंदिर में महामाई जगदंबे दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना महायज्ञ एवं विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जा रहे हैं।

प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में सैकड़ों श्रद्धालु सामूहिक आवाहन पूजन में भाग लेते हैं, जिसके बाद महायज्ञ का शुभारंभ होता है। रविवार को यज्ञाचार्य रामकृष्ण महाराज के नेतृत्व में आचार्य मंडल के विद्वानों द्वारा वेद मंत्रों के सस्वर उच्चारण के साथ यज्ञ आहुतियां दी गईं।

यज्ञ में प्रवचन करते हुए यज्ञाचार्य रामकृष्ण महाराज ने यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में यज्ञ का प्रमुख स्थान है। यज्ञ का अर्थ देव पूजन, दान और संगतिकरण है। यज्ञ से भौतिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं और यह सृष्टि के संतुलन में भी योगदान करता है। विशेष रूप से वायुमंडल को शुद्ध रखने में यज्ञ की महत्ता है।

मध्याह्न में महिलाओं द्वारा भजन संकीर्तन का आयोजन हुआ एवं अपराह्न चार बजे से श्री रामचरितमानस का नित्य पाठ किया गया। सायं सात बजे से सामूहिक संध्या आरती का भव्य आयोजन हुआ। जिसके उपरांत एका की संकीर्तन मंडली ने भव्य संकीर्तन किया। मुख्य याजक याकेंद्र जैन ने बताया कि दस अक्टूबर को देवी जागरण एवं उसके अगले तीन दिवस तक रात्रि में रामलीला का आयोजन भी किया जाएगा।

 

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