समय भास्कर नई दिल्ली । अमित शाह ने सीएए को लेकर हर सवाल का जवाब दिया । उन्होंने हाल ही में दिये एक साक्षात्कार में सीएए के लेकर फैलाए जा रहे झूठ को बेनक़ाब किया।शाह ने कहा कि सीएए नागरिकता देने वाला कानून है न की छीनने वाला । उन्होंने कहा कि सीएए पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है।इन तीनों देशों में वहाँ के अल्पसंख्यकों के साथ धर्म के आधार पर भेदवाव किया जाता है।
CAA में मुसलमानों को क्यों नहीं मिला अधिकार ?
अमित शाह ने सीएए के अन्तर्गत इन तीन देशों के मुसलमानों को भारत की नागरिकता न देने के पीछे का कारण बताया है। शाह ने कहा कि सीएए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है। उन्होंने कहा कि ये तीनों देश इस्लामिक हैं। फिर वहां मुसलमान धार्मिक अल्पसंख्यक कैसे हो सकते हैं? और उनको इस्लामिक देश में कोई प्रताड़ित कैसे कर सकता है।
मुसलमान भी मिलेगी हैं नागरिकता ?
ग्रह मंत्री ने कहा कि यदि कोई भी मुसलमान भारत की नागरिकता चाहते हैं, तो वे संवैधानिक तरीकों से इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। उसके लिए पहले से ही नागरिकता लेने का क़ानून है और उसके तहत वो आवेदन कर सकते है।
केरल, बंगाल और तमिलनाडु में क्या सीएए नहीं होगा लागू ?
अमित शाह ने कहा कि मैं ममता बनर्जी को खुली चुनौती देता हूं कि इस कानून में किसी की नागरिकता छीनने वाली एक धारा भी हो तो वो बता दें। आदिवासियों के अधिकारों को खतरा नहीं शाह ने आगे कहा कि इस कानून के बाद आदिवासी क्षेत्रों की संरचना और अधिकारों को कमजोर नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने अधिनियम में ही प्रावधान किए हैं कि जहां भी Inner Line Permit है और जो भी क्षेत्र छठी अनुसूची क्षेत्रों में शामिल हैं, वहां CAA लागू नहीं होगा।
CAA के तहत किन लोगों को मिलेगी नागरिकता ?
अमित शाह ने कहा कि इन तीनों इस्लामिक देशों में वहाँ से प्रताड़ित होकर भारत में शरण लिये हुए है। उन्होंने कहा कि भारत में 2014 से पहले आए इन शरणार्थियों को नागरिकता इस कानून के अन्तर्गत मिलेगी । शाह ने कहा कि पड़ोसी मुल्कों में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार होता है और उनका धर्म भी परिवर्तन कराया जाता है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को बचकर भारत आना पड़ा है और इनका अगर भारत साथ नहीं देंगे तो कौन देगा ?