समय भास्कर मुंबई – आज के दौर में जब भारत विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने के लिए अग्रसर है। उस दौर में बहुत सारे ,बड़े और अहम् सामाजिक बदलाब हो रहे है। कई तरह की चुनौतियां हमारे सामने खड़ी है। इतिहास उठा कर अध्ययन किया जाये तो पता चलता है कि उचित शिक्षा के बिना किसी समाज का विकास नहीं हो सका है। सामाजिक क्षेत्र में योगदान को बढ़ाने के लिए सही पेशवरों की आवश्यकता रहती है। इसी दिशा में भारत के प्रमुख बिज़नेस स्कूलों में से एक एसपी जैन इंस्टिट्यूट ऑफ मैजनेमेंट एंड रिसर्च ने इस महत्वपूर्ण आवश्यकता के अनुसार पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन डिवेलपमेंट मैनेजमेंट (PGPDM) कोर्स को विकसित किया है।
PGPDM कोर्स 12 महीने का मॉड्यूलर प्रोग्राम है, जिसे सामाजिक क्षेत्र में प्रोफेशनल्स के लिए तैयार किया गया हैं। इसमें गैर-सरकारी संगठनों, फाउंडेशनों, सीएसआर के कार्यों, सामाजिक नीति बनाने वाले सरकारी विभागों और सामाजिक उद्यमों से जुड़े प्रोफेशनल्स शामिल हैं। मॉड्यूलर फॉर्मेट प्रतिभागियों को पढ़ते समय काम करने की इजाजत देता है। इसमें दो-दो हफ्ते की छह संपर्क अवधि में ये कोर्स कराया जाता है। इसके सेशन मुंबई में SPJIMR के कैंपस में तथा ऑनलाइन आयोजित किए जाते हैं।
इस कोर्स को 2011 में लॉन्च किया गया था। इस कोर्स का 12 वर्षों में लगातार विकास किया गया। PGPDM के कोर्स में थ्योरी के ज्ञान और उसका व्यावाहरिक रूप से प्रयोग करने का संतुलित मिश्रण है।PGPDM कोर्स में स्टूडेंट्स के तरह-तरह के बैकग्राउंड की पहचान की जाती है और भाषा के प्रयोग में लचीलापन प्रदान किया जाता है। छात्र उस भाषा में अपने विचार रख सकते हैं, जो उन्हें अच्छी तरह से आती हो। छात्रों के भाषा संबंधी कौशल को निखारने के लिए इंग्लिश लैब की योजना बनाई गई है।
प्रोफेसर तनोज कुमार मेषराम, PGPDM के चेयपर्सन और पब्लिक पॉलिसी के असोसिएट प्रोफेसर, ने कहा, “PGPDM भारत के विभिन्न क्षेत्रों और पृष्ठभूमि से जुड़े छात्रों को बदलाव का अनुभव प्रदान करता है, जो सामाजिक बदलाव लाने के समान लक्ष्य से एकजुट हुए हैं। प्रोग्राम के हर कोर्स और कंपोनेंट को इस तरह डिजाइन किया है कि छात्र अपने ज्ञान को तुरंत व्यावाहरिक ढंग से लागू कर सकें, जो व्यक्तिगत, संगठनात्मक और सामुदायिक बदलाव का मार्ग प्रशस्त करें।’’
योग्यता
PGPDM कोर्स के लिए आवेदन करने वाले छात्र को किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से (किसी विषय में) ग्रेजुएट होना चाहिए। कम से कम दो साल का प्रासंगिक पूर्णकालिक अनुभव होना चाहिए। उम्मीदवारों के पास कंप्यूटर कार्य में बुनियादी दक्षता होनी चाहिए। उनमें अंग्रेजी में काम करने की भी योग्यता होनी चाहिए क्योंकि इसी के माध्यम से छात्रों को शिक्षा दी जाती है।
अधिक जानकारी के लिए https://www.spjimr.org/course/post-graduate-programme-in-development-management-pgpdm/ पर विजिट करें